परिसर में हिन्दू क्लब की शुरुआत

Starting a Hindu Club on Campus

धार्मिक हिन्दुओं के लिए यह ज़रूरी नहीं है कि वह “दक्षिण एशियाइयों” की धर्मनिरपेक्ष गतिविधियों को सहता रहे—यह मेरा समाधान है

अनु सिंह, टेक्सास

लैपटॉप? चेक करो। बिस्तर? चेक करो। नोटबुक? चेक करो। फ़िर से वर्ष का वही समय है: कॉलेज की ओर वापसी। नये और वरिष्ठ एक जैसे, हर कोई अपनी सूची बना रहा है और विश्वविद्यालय शुरु कर रहा है, हालांकि उनके लिए यह थोड़ा अलग है जो इस पतझड़ में दूर से पढ़ाई कर रहे हैं। फ़िर भी, जल्द ही या बाद में हम सशरीर परिसर में वापस लौटेंगे। लेकिन इन सारी पैकेजिंग और तैयारी के बीच में क्या हम कुछ भूल रहे हैं? क्या हम अपने साथ अपनी हिन्दू पहचान लाना भूल गये?

परिसर में अपनी धार्मिक पहचान की खोज करना आमतौर पर छात्र संगठनों या क्लबों से शुरु होता है। आपको अमेरिका में ऐसा विश्वविद्यालय खोजने के लिए कड़ी मेहनत करनी पड़ेगी जिसमें इसाइयों, मुस्लिमों या यहूदियों का कोई छात्र क्लब न हो। दुर्भाग्य से, यदि आप अपने विश्वविद्यालय में हिन्दू क्लब खोज रहे हों, तो आप इतने सौभाग्यशाली नहीं होंगे कि आपको कोई हिन्दू क्लब मिले, यदि आपको मिलता है, तो यह अप्रभावी और अलोकप्रिय होगा। दूसरी आस्थाओं के छात्रों को अपने क्लब के लिए छात्रों और शिक्षकों का मजबूत सहयोग मिलता है। मगर, बहुत से विश्वविद्यालयों में हिन्दुओं के लिए कोई क्लब तक नहीं है और जहाँ हैं, उन्हें छात्रों, अकादमिक विभागों या बड़े समुदाय से कोई सहायता नहीं मिलती। इसलिए यदि आप, मेरी तरह, एक नये व्यक्ति के रूप में हिन्दू क्लब से जुड़ना चाहते हैं लेकिन महसूस  करते हैं कि आपके परिसर में तो है ही नहीं—बहुत मुश्किल है भाई।

लेकिन चिन्ता मत करिये, सम्भावना है कि आपके परिसर में एक जीवन्त, लोकप्रिय “दक्षिण एशियाई” संगठन होगा। एक नये व्यक्ति के रूप में, मैं अपने दक्षिण एशियाई समूह के दीपावली के उत्सव में गया। सबसे पहले, यह विचार मुझे सही लगा। निश्चित रूप से, यह एक “हिन्दू” संस्था नहीं थी, लेकिन कम से कम मैं अपनी पहली दीपावली घर से बाहर दूसरे छात्रों के साथ मना सकती थी। मैंने यहाँ तक सोचा कि हो सकता है कि मेरे कॉलेज को हिन्दू संस्था की सचमुच कोई ज़रूरत नहीं होगी। जब मैं कार्यक्रम में पहुँची, मेरी साहचर्य और उत्सव को लेकर सच्ची उत्सुकता धीरे-धीरे मर गयी। तेज़ बॉलीवुड संगीत का मेरे कानों में विस्फोट हो रहा था। निराश होकर, मैंने छड़ी के ऊपर लगे उस मार्शमालो को घूरा जो एक क्लब अधिकारी ने मुझे स्वागत में दिया था। घर से बाहर पहली दीपावली के इस अजनबी अनुभव पर भ्रमित होकर, मैंने हकलाते हुए बहाना बनाया कि मुझे नहीं चाहिए क्योंकि मैं शाकाहारी हूँ। “ओह, आप शाकाहारी हैं? कोई बात नहीं, यहाँ, इस ओरियो को भूनकर देखिये।” मैं सोचती हूँ कि काश मैं कह पाती कि मेरे पास यह कहने का साहस हो पाया था कि मैं मार्शमालो असल में इसलिए नहीं चाहती थी कि मुझे दीपावली का धर्मनिरपेक्षीकरण पसन्द नहीं आया। इसकी बजाय, एकरूपता के दबाव में, मैंने एक लड्डू खाया, आधे दिल से मैंने हवा में एक आतिशबाजी घुमाई, और वापस कमरे पर फेसटाइम से अपने माता-पिता और उनकी दीपावली पूजा से जुड़ने के लिए आ गयी।

इसमें ग़लत क्या है, आप पूछते हैं? मार्शमालो और बॉलीवुड का संगीत निश्चित रूप से इसके लिए सही नहीं हैं, ठीक? ये कॉलेज के बच्चे दीपावली को मज़ेदार तरीक़े से मनाना चाहते हैं, अमेरिकी और भारतीय परम्परा को मिलाकर!

ग़लत। दीपावली से इसके आध्यात्मिक महत्व को हटा ना और इसे इस तरह से बदल देने मेरे लिए एक पालन करने वाले हिन्दू के रूप में अपमानजनक था, विशेष तौर पर जब यह छात्र के लिए परिसर में दीपावली मनाने का एकमात्र विकल्प हो। इसके अलावा, दक्षिण एशियाई समूह में प्रतिनिधित्व पाने वाले किसी अन्य धर्म का त्यौहार नहीं मनाया जाता था और वो भी इतने भद्दे तरीके से। सच्चाई यह है कि ये संस्थाएँ परिसर में लोकप्रिय हिन्दू त्यौहारों जैसे दीपावली, गरबा और होली आदि को मनाकर, उन्हें सभी धार्मिक जुड़ावों से अलग करके, और अन्ततः हिन्दू छात्र संगठनों को फलने-फूलने से रोककर महत्व पाती हैं। हिन्दू ऐसे प्रमुख धार्मिक समूहों में से एक क्यों हैं जिनके पास परिसर में प्रतिनिधित्व के लिए कोई संस्था नहीं है? हिन्दू अमेरिकी, जिनके त्यौहारों को ले लिया गया है, उनका धर्मनिरपेक्षीकरण क्यों किया जाता है और मज़ाक क्यों बनाया जाता है? वे केवल आपका त्यौहार नहीं ले रहे हैं—वे आपकी पहचान छीन रहे हैं, धीमे-धीमे। 

एक विश्वविद्यालय के छात्र के रूप में, आप इसको लेकर क्या कर सकते हैं? मेरा सुझाव है कि आप छोटी शुरुआत करके इस समस्या का सामना कर सकते हैं। इस सैमेस्टर में, अगर आप पाते हैं कि आपका विश्वविद्यालय दोनों तरह के क्लब का समर्थन करता है, तो आप निश्चित रूप से हिन्दू संगठन से जुड़ें और उसका समर्थन करें। और अगर आपके विश्वविद्यालय में हिन्दू संस्था नहीं है, तो एक संस्था शुरु करने के बारे में सोचें।

यदि आप एक हिन्दू संस्था की स्थापना करने का चयन करते हैं, तो किसी शिक्षक प्रायोजक से ठोस समर्थन प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। ज़्यादातर विश्वविद्यालयों में हिन्दू प्रोफ़ेसर हैं, और ज़रूरी नहीं है कि अपने क्लब को प्रायोजित करने के लिए धार्मिक विभाग से शिक्षक को प्राप्त करें। आप सम्भावित शिक्षक प्रायोजक पाने के लिए स्थानीय हिन्दू संगठन से जुड़ सकते हैं। फ़िर अपने स्कूल में क्लब के पंजीकरण की प्रक्रिया की जाँच करें—जिसमें आमतौर पर प्रशिक्षण सत्र, क्लब अधिकारी खोजना और संविधान बनाना शामिल होता है। यदि नये सिरे से एक क्लब बनाना कठिन लग रहा हो, तो किसी मौज़ूद राष्ट्रीय क्लब जैसे हिन्दू युवा या हिन्दू छात्र काउंसिल की स्थानीय शाखा बनाने के बारे में सोचिये।

जब आप अपने क्लब का पंजीकरण करा लेते हैं, अपने कार्यक्रमों का पूरे परिसर में प्रचार करना और सोशल मीडिया खाते बनाना शुरु करें। यदि आपके विद्यालय में अन्य भारतीय संगठन या अन्तर्धार्मिक क्लब हैं, तो आप कार्यक्रमों के लिए उनके साथ मिलकर काम कर सकते हैं और अधिक श्रोता प्राप्त कर सकते हैं। दीपावली या होली जैसे लोकप्रिय त्यौहार मनाना, साथ ही हिन्दू विषयों से सम्बन्धित चर्चायें आयोजित करना अपनी प्रमाणिकता बनाये रखने के साथ अधिक सदस्यों को जोड़ने के लिए अच्छा संयोजन है।

एक हिन्दू क्लब शुरु करना कठिन हो सकता है, लेकिन यह किया जा सकता है। भले ही हम अकेला और कम महसूस करें, लेकिन अपने परिसर में बदलाव की शुरुआत करने के लिए केवल एक व्यक्ति की आवश्यकता होती है, और वह व्यक्ति आप हैं। चाहे आप अपने छात्रावास के कमरे में गणेश की प्रतिमा लायें या न लायें, या अपने अपने दोस्तों के साथ अपने धार्मिक जीवन पर चर्चा करें या न करें, जान लें कि आपके लिए यह विकल्प खुला है और आपके जैसे और भी पूरे अमेरिका के परिसरों में हैं। अपनी हिन्दू पहचान को अपनाने के लिए केवल अपने जैसे सोच वाले छात्रों के साथ नेटवर्क करने, समर्थन करने के लिए सही संगठन का चुनाव करना और हिचकिचाहट से पार पाने की ज़रूरत होती है। जब हम नये स्कूल वर्ष की तैयारी और शुरुआत कर रहे हैं, आइये इस सैमेस्टर की शुरुआत गौरवान्वित हिन्दू अमेरिकी बनकर करें।


अनु सिंह ने, जो २२ वर्ष की हैं, हाल ही में राइस विश्वविद्यालय से स्नातक किया है और अब चिकित्सा की पढ़ाई कर रही हैं। वह हिन्दू युवा में जुड़ी हुई हैं और दि अमेरिकन हिन्दू वेबसाइट में सहयोग करती हैं। ईमेल: isha.singh5034@gmail.com

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