कठिनाइयोंऔरहानिकेलिएव्यावहारिकऔरआध्यात्मिकप्रतिक्रियाएँहृदय, हाथ, सिरऔरआत्मासे

सतगुरुबोधिनाथवेलनस्वामी  द्वारा

पूरीदुनियानेदिसंबर, 2019 मेंएकचुनौतीपूर्णनएयुगमेंप्रवेशकिया, जबचीनकेवुहानमेंकोविड-19 केपहलेमानवमामलोंकीपहचानकीगई।तबसेलेकरअबतककेढाईवर्षोंमें, लगभगहरइंसानकेजीवनकोलॉकडाउन, आर्थिकतंगी, स्वास्थ्यकेमुद्दोंऔरप्रियजनोंकीहानिनेछुआहै।महामारीअभीभीहमारेसाथहै, वैश्विकनागरिकोंकोअबयूक्रेनपररूसकेयुद्धसेउकसानेवालीकठिनाइयोंकेएकऔरहिमस्खलनकासामनाकरनापड़रहाहै।द्वितीयविश्वयुद्ध  केबादसेयूरोपमेंसबसेबड़ासैन्यसंघर्ष, इसनेदुनियाकीआपूर्तिश्रृंखलाओंकोऔरबाधितकरदियाहैऔरबढ़तीकीमतोंमेंयोगदानदियाहै, साथहीकईदेशोंमेंभोजनऔरईंधनकीगंभीरकमीभीकीहै।येकठिनाइयाँइतनीविकटहोगईहैंकिगरीबदेशोंकेलोगसड़कोंपरप्रदर्शनकररहेहैं, उम्मीदहैकिएकनईसरकारकोवोटदियाजाएगाऔरजनताकेलिएस्थितिमेंसुधारहोगा।वित्तीयबाजारउथलपुथलमेंहैं, वैश्विकअर्थव्यवस्थाकीवसूलीसंदेहमेंहैऔरयूरोपदशकोंमेंसबसेगंभीरमानवीयसंकटकासामनाकररहाहै।

दिलसे

यूक्रेनमेंमहामारीयायुद्धजैसीबड़ीचुनौतियोंकेलिएपहलीऔरसबसेमहत्वपूर्णप्रतिक्रियाहमारीकरुणाजगानाऔरउनलोगोंकेलिएसहायकविचारप्रस्तुतकरनाहैजोकठिनाईऔरप्रियजनोंकीहानिकासामनाकररहेहैं।यहपहलीप्रतिक्रियाकरुणाकीहैऔरहृदयसेहै।

हाथोंसे

अगलाव्यावहारिकसहायताप्रदानकरनाहै।महामारीकीशुरुआतीप्रतिक्रियामें, दुनियाभरकेहिंदूसमूहोंनेऐसाकरनेकेलिएआगेकदमबढ़ाया।उदाहरणकेलिए, जैसाकिहमारेअप्रैल 2021 केअंकमेंबतायागयाहै, सेवाइंटरनेशनलनेसबसेपहलेसबसेकमजोरलोगोंकीमददकरनेपरध्यानकेंद्रितकिया, जैसेकिदेखभालकरनेवालोंऔरफ्रंटलाइनकार्यकर्ताओंकोएन-95 मास्कप्रदानकरके।इसकेबादसेवासंकल्पपहलआईजिसनेकोविड -19 खतरेकोदूरकरनेऔरसहयोगऔरसहयोगकानिर्माणकरनेकेलिएधार्मिकसंसाधनोंकोजोड़ा।यहआध्यात्मिकसमूहोंकोसमुदायकीसेवामेंएकसाथलानेकाएकमहत्वाकांक्षीप्रयासथा।स्वयंसेवकोंने 1,000 संगठनोंकोसंकल्पपत्र (आशयपत्र) भेजा, औरउनमेंसे 500 नेप्रतिज्ञापरहस्ताक्षरकिए।कईसंस्थानोंनेप्रमुखशहरोंमेंसेवाराहतकार्यकेलिएपैसा, सामग्रीऔरस्वयंसेवकोंकोदिया।सेवाकेसाथहाथमिलाकरयास्वयंकामकरके, धार्मिकसंस्थानोंनेमहामारीकेप्रकोपकोकमकरनेमेंमददकी, जरूरतमंदोंकोभोजन, भोजनकेपैकेट, दूधऔरअन्यआवश्यकचीजेंउपलब्धकराईं।इसप्रकार, हमारीदूसरीप्रतिक्रियाएकव्यावहारिक, सहायकप्रकृतिकीहैऔरहमारेहाथोंसेहै।

सिरसे

हमारीपहलीऔरदूसरीप्रतिक्रियातात्कालिकस्थितिकीभावनात्मकऔरशारीरिकजरूरतोंकीओरनिर्देशितहोतीहै।एकबारउनपरध्यानदेनेकेबाद, हमपीछेहटसकतेहैंऔरअधिकअवलोकनकरसकतेहैं, बेहतरतैयारीकेसाथभविष्यकीआपदाओंकासामनाकरनेकेलिएहमएकत्रासदीसेसीखसकतेहैं।क्याभोजनऔरईंधनजैसीआपातस्थितियोंकेलिएअधिकसंसाधनोंकाभंडारणकियाजानाचाहिए? क्यालोगोंकोअपनासमर्थनफिरसेशुरूकरनेमेंमददकरनेकेलिएबेहतरयोजनाओंकीआवश्यकताहै? इसऔरबहुतकुछकेलिएअच्छेविचारकीआवश्यकताहै।इससुझावकाज्ञानइससमयइतिहासमेंकोविड -19 सेपहलेकीतुलनामेंअधिकस्पष्टहै, इसकेलॉकडाउनऔरअबरूसद्वारायूक्रेनपरक्रूरहमलाऔरवैश्विकअराजकताजोसंघर्षकाकारणबनरहीहै।

यहतीसरीप्रतिक्रियायोजनापरकेंद्रितहैऔरसिरसेहै।राष्ट्रीयऔरअंतर्राष्ट्रीयस्तरपर, देशोंऔरचिकित्साएजेंसियोंनेवायरसकेप्रसारकोरोकनेकेलिएसुरक्षाउपायोंकीस्थापनाकी, औरभविष्यकीमहामारियोंकासामनाकरनेकेलिएप्रणालियोंकोमजबूतकिया।यूक्रेनमेंयुद्धकेजवाबमें, जिसनेपूरेमहाद्वीपकोखतरेमेंडालदियाहै, राष्ट्रोंकेनेताआक्रामकताकोरोकनेऔरभविष्यकीघुसपैठकेखिलाफसुरक्षाकेलिएएकसाथशामिलहोरहेहैं।जैसाकिगुरुदेव, शिवाय  सुब्रमुनियास्वामीनेलिखाहै: “यहतबहोताहैजबदेवलोक [उच्चदिमागवाले] लोगप्रभारीहोतेहैंकिशांतिवास्तवमेंआएगी; यहकिसीअन्यतरीकेसेनहींसकताहै।इसलिए, यदिदेवलोकके  लोगवास्तवमेंपृथ्वीपरशांतिचाहतेहैं, तोउन्हेंशर्मनहींकरनीचाहिएबल्किकार्यभारसंभालनाचाहिए।उन्हेंसभीकोएकदूसरेकोजाननाहोगाऔरफिरप्यारऔरविश्वासमेंहाथमिलानाहोगाऔरसाथकामकरनाहोगा।

आत्मासे

औरभीपीछेकदमरखतेहुए, हमदार्शनिकस्तरपरआतेहैंकिऐसीविनाशकारीघटनाएंक्योंहोतीहैं।कुछलोगोंकाईश्वरमेंविश्वासडगमगाजाताहै, क्योंकिवेसमझनहींपारहेहैंकिएकपरोपकारीईश्वरऐसीविपत्तियोंकोकैसेहोनेदेसकताहै।अन्यअभिभूतहैंऔरजीवनकेप्रतिनकारात्मकहोजातेहैं।हिंदूदृष्टिकोणसे, एकमहामारीप्रकृतिकाहिस्साहैऔरयहईश्वरकाकार्यनहींहै।भूकंप, सुनामी, तूफान, बीमारी, आग, सूखाऔरबाढ़येसभीप्रकृतिकीसामान्यअभिव्यक्तिहैं।मनुष्यभीप्रकृतिकाएकहिस्साहै, जिसमेंप्रकृतिकेसबसेबड़ेरोषकोटक्करदेनेवालीआपदाओंकोपैदाकरनेकीशक्तिबढ़तीजारहीहै।

ऐसादार्शनिकचिंतनहमारीप्रतिक्रियाकाचौथास्तरहमारीआत्मासेआताहै।सभीचीजोंकीदिव्यतामेंहिंदूविश्वास, आत्माकाशाश्वतहोना, आंतरिकस्तरऔरपुनर्जन्मदुख, त्रासदीऔरनुकसानकेसमयमेंएकमहानस्रोतहैं।

गुरुदेवनेशिवकेसाथनृत्यमें  लिखा: “दुनियाकीप्रकृतिद्वैतहै।इसमेंहरचीजऔरजो  उसकेविपरीतहै ,शामिलहैं: खुशीऔरदुख, अच्छाईऔरबुराई, प्यारऔरनफरत।इनकेअनुभवकेमाध्यमसे, हमसीखतेहैंऔरविकसितहोतेहैं, अंतमेंसभीविपरीतताओंसेपरेसत्यकीतलाशकरतेहैं।संसारमेंदुखकेअस्तित्वमेंभीएकदिव्यउद्देश्यहै।दुखकोपूरीतरहटालानहींजासकता।यहमानवजीवनकाएकस्वाभाविकहिस्साहैऔरआत्माकेलिएबहुतअधिकआध्यात्मिकविकासकेलिएप्रेरणाहै।यहजानकरबुद्धिमानकिसीभीस्रोतसेपीड़ितकोस्वीकारकरतेहैं, चाहेवहतूफान, भूकंप, बाढ़, अकाल, युद्ध, बीमारीयाअकथनीयत्रासदीहो।जिसप्रकारभट्टीकीप्रचंडअग्निसोनेकोशुद्धकरतीहै, उसीप्रकारदुखआत्माकोतेजकरनेकेलिएशुद्धकरताहै।तोक्यादुखहमेंयहमहत्वपूर्णअहसासभीप्रदानकरताहैकिसच्चासुखऔरस्वतंत्रतादुनियामेंनहींमिलसकतीहै, क्योंकिसांसारिकआनंददुःखसेऔरसांसारिकस्वतंत्रताबंधनकेलिएअटूटहै।यहजाननेकेबाद, भक्तएकसतगुरुकीतलाशकरतेहैंजोउन्हेंदुखकोसमझनासिखाताहै, औरउन्हेंसाधनाऔरतपकीजानबूझकरकठिनाइयोंमेंलाताहै, जिससेद्वैतकेक्षेत्रमेंअनुभवकेचक्रसेमुक्तिमिलतीहै।

व्यक्तिगतस्तरपर, एकआपदाकेमाध्यमसेजीनाकिसीकेजीवनपरगहराईसेप्रतिबिंबितकरनेऔरउसमेंगहरेअर्थजोड़नेकेतरीकोंकीतलाशकरनेकेलिएउत्प्रेरकहोसकताहै।जीवनबदलनेवालेक्षणदुर्लभहोतेहैंऔरअक्सरकिसीऐसीचीजसेउकसाएजातेहैंजोहमारेदिनप्रतिदिनकेअस्तित्वकोकाफीहदतकप्रभावितकरतीहै।

बहुतसेव्यक्तिअपनेजीवनमेंबदलावकरनेपरविचारकररहेहोंगेलेकिनऐसाकरनेकेलिएकभीतैयारनहींहुए।ऐसीयोजनाओंपरफिरसेविचारकरनेऔरउन्हेंक्रियान्वितकरनेकेलिएअबएकउत्कृष्टसमयहै।योजनाओंकासंबंधपरिवारकेएकसाथअधिकगुणवत्तापूर्णसमयबितानेसेहोसकताहै, जिसमेंदूसरोंकेलिएप्यारकीअधिकबारबारबातहोसकतीहै।उनलोगोंकेलिएजोसमुदायपरध्यानकेंद्रितकररहेहैं, अबनईगतिविधियोंकेलिएउनयोजनाओंकोसाझाकरनेऔरलागूकरनेकाएकअच्छासमयहैजोआसपासकेपड़ोसमेंउत्थानऔरआगेबढ़ाएंगे।मजबूतआध्यात्मिकरुचियोंवालेलोगोंकेलिए, अबउसनएध्यानअभ्यासकोसीखने, संस्कृतऔरपूजाप्रदर्शनमेंसुधारकरनेयाभारतमेंप्राचीनतीर्थोंकेलिएलंबेसमयसेवांछिततीर्थयात्रापरजानेकासमयहोसकताहै।येकुछऐसेतरीकेहैंजिनसेहमवैश्विकचुनौतियोंसेउत्पन्नऊर्जाकोलेसकतेहैंऔरइसकाउपयोगअपनेजीवन, अपनेपरिवारकेजीवनऔरआसपासकेसमुदायकेजीवनकोबेहतरबनानेकेलिएकरसकतेहैं।

अधिकांशआपदाएँइतनीवैश्विकनहींहोतीहैं, लेकिनफिरभीउन्हेंसहीप्रतिक्रियाकीआवश्यकताहोतीहै।यहाँहमारेहवाईमठमेंहमनेकुछसालपहलेएकदुर्भाग्यपूर्णघटनाकाअनुभवकियाथा।एक 13.5 फुटलंबाकालाग्रेनाइटहनुमानजिसेबनानेमेंचारभारतीयकारीगरोंकोसातसाललगेथे, स्थापनाकीप्रतीक्षामेंलेटाहुआथा, जबएकसुबह, एकभिक्षुनेपायाकिउसकेदोनोंपैरजघनपिंडिकापरटूटगएथे, जिससेमूर्तिअनुपयोगीहोगईथी।कलात्मकमूर्तिकलाकेवेसभीवर्षखोगए।वहसबकाफीखर्चचलागया।

जाहिरहै, यहएकआपदाथी।लेकिनभिक्षुगुरुदेवकीइसशिक्षाकोकभीनहींभूलसकेकिउच्चचेतनाकेसाथआनेवालीआपदाकोभीआशीर्वादऔरवरदानमेंबदलाजासकताहै।भिक्षुओंनेध्यानकियाकिगुरुदेवक्याकरेंगे, औरटूटीहुईमूर्तिकोढालनेकीव्यवस्थाकीऔरफिरकोलोराडोमेंएकटीमद्वाराकांस्यमेंडालीगई।परिणाममूलपत्थरसेभीबेहतरथा, क्योंकिमूर्तिकारमोममेंपरिशोधनजोड़सकताथाजोपत्थरमेंसंभवनहींथा।बीससेअधिककांसेकेउस्तादोंकीएकऔरटीमकेएकसालसेअधिकसमयतककामकरनेकेबाद, एकउत्कृष्टकृतिउभरीऔरहमारेपवित्ररुद्राक्षवनकेपासस्थापितकरनेकेलिएहवाईभेजदीगई।आश्चर्यजनकरूपसे, आजभिक्षुवास्तवमेंखुशहैंकिमूलपत्थरकीमूर्तिटूटगई, क्योंकिउसघटनाकेबिनाइससेअधिकअद्भुतकांस्यमौजूदनहींहोगा।यहगुरुदेवकीशिक्षाकाएकआदर्शउदाहरणहैकिजीवनमेंहमारेसाथजोहोताहैवहमायनेनहींरखता।मायनेइसबातकेहोतेहैंकिहमकिस  तरहप्रतिक्रियादेतेहैं।